क्रिप्टोकरेंसी पर Union Budget 2025 में कोई राहत नहीं, लेकिन निगरानी और रिपोर्टिंग हुई सख्त!
भारत सरकार ने 2025 के बजट में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDAs) जैसे Bitcoin और Ethereum को लेकर कोई नया टैक्स नियम लागू नहीं किया है। वित्त अधिनियम 2022 के तहत ही मौजूदा कर व्यवस्था जारी रहेगी।
💰 टैक्स नियम क्या हैं?
- सेक्शन 115BBH के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी बेचने से हुई कमाई पर 30% का फ्लैट टैक्स लागू है।
- इसमें आप सिर्फ ख़रीद मूल्य की कटौती ले सकते हैं। अन्य खर्च या घाटे की भरपाई की अनुमति नहीं है।
- ₹10,000 से ऊपर की किसी भी क्रिप्टो ट्रांज़ैक्शन पर 1% टीडीएस काटा जाएगा—चाहे खरीदार हो या विक्रेता।
- टैक्स पर 4% सेस भी लगाया जाएगा, जो कुल टैक्स देनदारी पर लागू होगा।

📄 रिपोर्टिंग का नया सिस्टम
Union Budget 2025 में क्रिप्टो लेन-देन की पारदर्शिता बढ़ाने के लिए एक नया ITR सेक्शन पेश किया गया है:
🧾 Schedule VDA, जिसमें वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान VDAs से हुई आय को रिपोर्ट करना अनिवार्य होगा।
साथ ही, सभी क्रिप्टो एक्सचेंजों और प्लेटफ़ॉर्म्स को अब टैक्स अधिकारियों को विस्तृत रिपोर्ट देना होगा ताकि टैक्स चोरी को रोका जा सके।
🔍 छापे और अप्रीकट संपत्ति पर नया प्रावधान
हालांकि सेक्शन 158B सीधे क्रिप्टो टैक्स से संबंधित नहीं है, लेकिन अब अगर क्रिप्टो संपत्ति छापे में बिना रिपोर्ट के पाई जाती है तो इसे ब्लॉक असेसमेंट में शामिल किया जाएगा।
इसका व्यवहार कैश, सोना या ज्वेलरी जैसी पारंपरिक अप्रीकट संपत्तियों जैसा किया जाएगा।
❗ जानकारी ध्यान देने योग्य:
भारत में क्रिप्टो संपत्ति को पूंजीगत संपत्ति (Capital Asset) नहीं माना जाता।
बल्कि इसे जुआ, लॉटरी या अटकल आधारित आय की तरह टैक्स किया जाता है।


